केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गईदेश की नई शिक्षा नीति पर देश भर में हो रही चर्चाओं के बीच मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा व्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है ।

mptet grade 1 dv राज्य की शिवराज सरकार ने इस साल शिक्षा के बजट में छह हजार करोड़ की कटौती है । इस साल प्रदेश की शिक्षा पर राजय सरकार 17 हजार 700 करोड़ रुपए ही खर्चकरेगी । इससे पहले कमल नाथ सरकार ने शिक्षा विभाग को 24 हजार 499 करोड़ का बजट दिया था ।
जबकि मप्र में शिक्षा का बजट कम किए जाने पर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों में नाराजगी है।हालांकि सरकार ने इसके पीछे कोरोना महामारी का तर्क दिया है , जिसके कारण राजस्व में कमी हुई है । कमलनाथ सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में शिक्षा का बजट 24,499 करोड़ तय किया था लेकिन शिवराज सरकार ने शिक्षा बजट में 6 हजार करोड़ से ज्यादा की कटौती कर दी है ।
अभी 17,702 करोड रूपये मप्र का शिक्षा बजट तय किया । स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित सभी संस्थाओं के बजट में कमी की गई है । ज्यादातर कटौती अधोसंरचना विकास से जुड़ी मदों में की गई है । माना जा रहा है कि इस वर्षसरकार स्कूलों से संबंधित निर्माण कार्यों और अधोसंरचना विकास से नए कार्यों को रोकेगी बिजट कटौती होने से मप्र में शिक्षकों की भर्ती अटक सकती है ।
इधर केन्द्र सरकार जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की घोषणा कर चुकी है । पहले यह करीब 4 प्रतिशत था । बच्चों को बेहतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए और अधोसरंचना निर्माण के लिए बजट में बढ़ोत्तरी की गई है लेकिन मप्र में स्थिति ठीक इसके उलट हो गई है । अटक सकती है शिक्षकों की भर्ती मध्यप्रदेश में शिक्षा का बजट कम किए जाने के बाद शिक्षकों की भर्ती पर ग्रहण लग सकता है । कोविड -19 के कारण बहुत लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को शिक्षक भर्ती का इंतजार है
। इसी तरह स्कूलों के आधुनिकीकरण , प्रत्येक विकास खंड में मॉडल स्कूलों का निर्माण , टीचर प्रशिक्षण सहित कई कार्यों पर इसका असर पड़ सकता है